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मंगलवार, 24 नवंबर 2020

हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर प्रणाम क्यों करते थे हमारे पूर्वज? जानिए इसके फायदे

हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर प्रणाम क्यों करते थे हमारे पूर्वज? और उसके फायदे:-


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आज का समय बहुत अलग है बहुत ही कम ही लोग जो है जो किसी के मिलने पर हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं। ज्यादातर लोग किसी के मिलने पर hi, hello या हाथ मिलाकर उनका अभिवादन करते हैं, जो कि भारतीय सभ्यता का अंग नहीं बल्कि पश्चिमी सभ्यता की देन है। हम भारतीय अपनी परंपराओं को फैशन बोलकर खत्म करते जा रहे हैं और विदेशी रीति-रिवाजों को तवज्जो देने लगते हैं।क्या यह सही है? दूसरों के चक्कर में हम अपनी सबसे बड़ी संस्कारो की पुजी को भूलते ही जा रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने इस सभ्यता का अनुपालन शायद ही किया हो वह तो हाथ जोड़ कर ही सबका अभिवादन करते थे, जिसका एक अलग ही मजा होता है और भारतीय सभ्यता की खुशबू भी बरकरार रहती है। हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर सबका अभिवादन हमारे पूर्वज क्यों करते थे? इस बारे में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य कहते हैं हाथ जोड़कर अभिवादन करना, प्रणाम करना सही होता है। जबकि हाथ मिलाने से कुछ नुकसान हो सकता है।

हमारे पूर्वज हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर प्रणाम क्यों करते थे?


    हाथ जोड़कर प्रणाम करने से बहुत फायदे होते हैं अगर अंग्रेजो को यह बात कि भानक लग गई तो वे लोग भी हाथ जोड़कर प्रणाम करने लगेंगे। जब दाएं और बाएं हाथ में आपस में जुड़ते  हैं तो दाएं हाथ की नाड़ी झड़ा और बाएं हाथ की नाड़ी पिंगला आपस में मिलती है। जो दोनों बांहों की बीच ऊपर की तरफ सुषमा नाड़ी से मिलते हैं नमस्कार करते समय इन तीनों नाड़ियों के मिलने पर हाथों पर दबाव पड़ता है। हृदय चक्र और आज्ञा चक्र की सक्रियता बढ़ जाती है जिससे हृदय से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं और मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं यह एक अनोखा लेकिन सत्य कथन है। अगर यह बात व्यक्ति के दिमाग में बैठ जाए तो सभी लोग मेहमानों का हाथ जोड़कर अभिनंदन करने लगेंगे।

किसी व्यक्ति से हाथ क्यों नहीं मिलाना चाहिए?

हमारे पूर्वज कहां कि हम लोग एक दूसरे के संपर्क में आए बिना भी एक-दूसरे का अभिवादन कर सकते हैं क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का एक अपना ओरा मंडल होता है। जब हम किसी व्यक्ति का अभिनंदन हाथ मिलाकर करते हैं तो हम अपने ओरा ओरा मंडल को डिस्टर्ब करते हैं और अनावश्यक रूप से घुसपैठ का मौका देते हैं और जब आपस में दोनों ऊर्जाएं टकराती हैं जिसका विपरीत प्रभाव शरीर पर पड़ता है और मस्तिष्क पर भी पड़ने लगता है। इसका एक यही कारण है कि हम या नहीं जान पाते की उस व्यक्ति को क्या बीमारी है और हम रोग से संक्रमित हो जाते हैं इसलिए आप जब किसी व्यक्ति से मिले तो उसका अभिवादन हाथ मिला कर नहीं बल्कि हाथ जोड़कर उसका अभिवादन करें। जिससे आपके सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है और किसी भी व्यक्ति को बुरा भी नहीं लगेगा।

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