प्रोटीन (protein)
प्रोटीन उच्च अणु भार वाले जटिल नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक बहुलक है, जो अल्फा अमीनो एसिड इकाई द्वारा निर्मित होते हैं इन्हें पॉलीइमाइड कहते हैं|
प्रोटीन 10,000 से अधिक अणुभार युक्त पॉलिपेप्टाइड को प्रोटीन कहा जाता है इस प्रकार प्रोटीन को आपस में पेप्टाइड बंधुओं द्वारा जुड़े अलफामिनो द्वारा जुड़े लंबे बहुलक माना जा सकता है |
जैसे- ऑक्सीटॉसिन , वेसोप्रोसिन एमिनो हार्मोन है|
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protein |
प्रोटीन का वर्गीकरण :-
(1) - रैसे युक्त प्रोटीन (fibrous proteins):-
वे प्रोटीन संरचना रेखीय धागे के समान पॉलिपेप्टाइड फाइबर निर्माण श्रृंखला निर्माण के लिए व्यवस्थित या कुंडली होती है फाइबर प्रोटीन कहलाते हैं|
ऐसे प्रोटीन में उपस्थित पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला आपस में हाइड्रोजन बंध द्वारा जुड़ी रहती है और और उनके अंतरा आणविक प्रबल बल होता है |
फाइबर युक्त प्रोटीन जल में अविलेय होते हैं | मध्यम ताप तथा दाब तथा PH के प्रति स्थाई होते हैं
जैसे:- त्वचा, बाल, नाखून उपस्थित किरैटिन प्रोटीन होती है|
ग्लोबुलर प्रोटीन :-
वे प्रोटीन पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला है इस प्रकार वलित रहती हैं कि वे प्रोटीन को एक गोलाकार या गोलाभ आकृति प्रदान करती है| ग्लोबुलर प्रोटीन कहलाता है
पेप्टाइड श्रृंखलाओं के वलन में वसा स्नेही सिरे भीतर की तरफ और जल स्नेही सिरे बाहर की तरफ |
जिस कारण यह प्रोटीन जल के विलय होते हैं यह ताप और पीएच के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है |
जैसे:- एंजाइम हार्मोन एंटीबॉडी ,हीमोग्लोबिन, एल्ब्यूमिन फाइब्रिनोजेन, सर्प एवं बिच्छू के बिस आदि ग ग्लोबुलर प्रोटीन
प्रोटीन की संरचना (structure of protein):-
1- प्राथमिक संरचना:-
ये प्रोटीन में एक अथवा अनेक पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएं उपस्थित हो सकती हैं किसी को प्रोटीन के एमिनो अम्ल एक विशिष्ट पॉलिपेप्टाइड की अनेकों अनेक विशिष्ट क्रम में जुड फ्री होते हैं एमिनो अम्ल एक विशिष्ट क्रम में प्रोटीन की संरचना बना बनाता है प्राथमिक संरचना में किसी भी प्रकार के परिवर्तन से प्रोटीन उत्पन्न होते हैं|
जैसे:-
रक्त के रुधिर अणुओ में उपस्थित ग्लूटामिक अम्ल के स्थान पर यदि वाला वेलाइन अमीनो अम्ल चला जाग जाए तो उसकी पॉलिपेप्टाइड से श्रृंखला में परिवर्तन हो जाता है और स्किन सेल एनीमिया हो जाता है , रक्त में ऑक्सीजन धारण क्षमता घट जाती है
द्वितीयक संरचना (secondry structure):-
किसी प्रोटीन की द्वितीय संरचना का संबंध उस आकृति से है जिसमें पॉली पेप्टाइड श्रृंखला उपस्थित होती है | यह दो भिन्न प्रकार की संरचनाओं में उपस्थित होते हैं
1- अल्फा हेलिक्स
2- प्लेटेड सीट संरचना
संरचनाएं तो टाइट बंद के सीईओ समूह के बंद हाइड्रोजन बंध के कारण होली तो टाइप के मुख्य श्रृंखला के नियमित कुंडली से उत्पन्न होती है अल्फा हेलिक्स संरचना एक ऐसी संरचना है जिसमें पोलिंग तो टाइट सिंगला में अधिकतर टाइट हाइड्रोजन बंधन बना सकते इसमें पॉलिपेप्टाइड दक्षिणावर्त पेंच के समान मोटी होती है पूरी होती है
Third protein:-
प्रोटीन की third संरचना poly peptide श्रृंखलाओं के समग्र वलन अर्थात द्वितीयक संरचना के और अधिक वलन से बनती है इसमें दो प्रमुख आकृतियां बुलाकर और रेशेदार बनती है इसमें प्रमुख बल हाइड्रोजन बॉन्ड डाई सल्फेट सल्फाइड बॉन्ड डॉग फइट वंडरवॉल बल तथा स्थिर वैद्युत आकर्षण बल होते हैं जो प्रोटीन की तृतीय संरचना को स्थायित्व प्रदान करते हैं
चतुर्थ प्रोटीन की चतुर्थ समझना प्रोटीन की चतुर्थ संरचना:-
कुछ प्रोटीन दो या दो से अधिक पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाओं से बड़े होते हैं जिन्हें अब इकाई कहते हैं इन इकाइयों की परस्पर त्रिविमीय संरचना को चतुर्थ संरचना कहते हैं
प्रोटीन का मुख्य तीन कारण:-
किसी प्रोटीन भौतिक एवं जैविक गुणों में उसके रासायनिक संगठन को प्रभावित किए बिना परिवर्तन करने की प्रक्रिया को प्रोटीन का विकृति करण कहते हैं प्रोटीन का विकृति करण या स्कंदन निम्नलिखित विधियों द्वारा होता है ताप द्वारा जैसे अंडे को उबालने पर अंडे की सफेदी अधिक हो जाती है स्पंदित हो जाती है कंद अल्कोहल द्वारा लगभग सभी प्रकार के प्रोटीन अल्कोहल स्पंदित हो जाते हैं सांद्र अम्ल द्वारा S2 so4 hno3 के उपयोग द्वारा प्रोटीन को स्पंदित किया जा सकता है विकिरण द्वारा अल्ट्रासोनिक नायला अल्ट्रासोनिक वायलेट तथा एक्स किरणों द्वारा प्रोटीन को विकृति किया जा सकता है वितरित किया जा सकता है वितरित
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